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क्या आप जानते हैं होली के त्योहार का इतिहास और महत्व

होली का त्योहार मुख्य रूप से रंगों का त्योहार होता है और इस दिन का हिंदू धर्म में विशेष महत्त्व है। होली दो दिनों तक मनाई जाती है जिसमें पहले दिन होलिका दहन होता है जिसे छोटी होली भी कहा जाता है और दूसरे दिन रंगों का त्योहार होता है जिसमें लोग मिल जुलकर रंग खेलते हैं और खुशियां मनाते हैं। पानी के गुब्बारों और पिचकारी से बहुत पहले से ही होली खेलने का चलन चला आ रहा है। बहुत पहले होली केवल हिन्दू धर्म का त्योहार था लेकिन अब ये दुनिया भर में एक उत्सव की तरह मनाया जाता है।

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होली वह दिन  है जब होलिका, जिसे अग्नि में अखंड रहने का वरदान प्राप्त था उन्होंने प्रह्लाद को अपनी गोद में बैठाकरअग्नि में प्रवेश किया था। उस समय भगवान विष्णु प्रह्लाद की सहायता के लिए आए और परिणामस्वरूप, होलिका अग्नि में जल गई, जबकि प्रह्लाद को कोई नुकसान नहीं हुआ। योगी अश्विनी जी बताते हैं कि पुराणों की कहानियां एक आम आदमी के लिए पौराणिक कथाएं प्रतीत होती हैं क्योंकि उनमें वर्णित घटनाएं अक्सर उन चीजों का उल्लेख करती हैं जो अलौकिक या असली लगती हैं, उदाहरण के लिए, आग में बेदाग रहने की शक्ति या विष्णु नामक ऊर्जा का आह्वान। पुराण वास्तव में हमारे पूर्वजों के साथ घटित वास्तविक घटनाओं का इतिहास होते हैं, जिन्होंने कई हजार साल पहले धरती पर निवास किया था। इसलिए होली का इतिहास भी पुराणों से जुड़ा हुआ है।

होली का महत्व

होली का त्योहार मुख्य रूप से वसंत ऋतु यानी कि वसंत की फसल के समय मनाया जाता है जो सर्दियों के अंत का प्रतीक भी माना होता है और हिंदू कैलेंडर के फाल्गुन महीने में मनाई जाती है। यह उत्सव फाल्गुन पूर्णिमा तिथि की शाम से ही शुरू हो जाता है और दो दिन तक मनाया जाता है। होली रंगों का तथा हंसी -खुशी का त्योहार है। यह भारत का एक प्रमुख और प्रसिद्ध त्योहार है, जो अब विश्वभर में मनाया जाने लगा है। यह दिन बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। लोग इस दिन एक अग्नि जलाते हैं और भगवान विष्णु के लिए भक्त प्रहलाद की भक्ति की विजय का जश्न मनाते हैं। इस दिन लोग होलिका की पूजा भी करते हैं क्योंकि हिंदू पौराणिक कथाओं में यह माना जाता है कि होलिका पूजा सभी के घर में समृद्धि और धन लाती है। लोगों का मानना है कि होलिका पूजा करने के बाद वे सभी प्रकार के भय पर विजय प्राप्त कर सकते हैं। होलिका दहन के अगले दिन को धुलेंडी कहा जाता है जिसमें अबीर-गुलाल इत्यादि डाला जाता है और दूसरों से सौहार्द्र जताया जाता है।

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