करवा शब्द का अर्थ मिट्टी का बर्तन होता है। चौथ का शाब्दिक अर्थ चतुर्थी है इस दिन विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी आयु और सुखी वैवाहिक जीवन के लिए निर्जला व्रत रखती हैं। करवा चौथ का पर्व हर साल कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को मनाया जाता है। यह त्यौहार न केवल धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व रखता है, बल्कि पति-पत्नी के बीच प्रेम और विश्वास का प्रतीक भी है।
करवा की कहानी क्या है?
यह करवा नाम की एक दूसरी स्त्री की कहानी है, जिसने सावित्री की ही तरह अपने पति के प्राण यमराज से बचा लिए थे. तब यमराज ने करवा को उसकी पति श्रद्धा देखकर वरदान दिया था कि इस विशेष दिन को तुम्हारे नाम के व्रत से जाना जाएगा और जो स्त्री ऐसा व्रत करेगी उसका अखंड सुहाग बना रहेगा इस घटना के दिन कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि थी। तभी से करवा चौथ का व्रत रखने की परंपरा चली आ रही है।